बलभद्र खलंगा विकास समिति द्वारा 42 वां खलंगा मेला धूमधाम से मनाया गया। गोरखा व अंग्रेजों के बीच 1814 में हुई निर्णायक युद्ध के गोरखा सेनानायक बलभद्र थापा की याद में हर साल इस उत्सव को मनाया जाता है।
रायपुर स्थित चंद्रयानी मंदिर सागरताल में बलभद्र स्मारक के नजदीक पूरे दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते रहे। खलंगा के जंगल में मेले जैसा माहौल रहा। खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल, डोईवाला विधायक हीरा सिंह बिष्ट, रायपुर के पूर्व विधायक उमेश शर्मा काऊ ने अपने सम्बोधन में गोरखाओं के गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए समिति को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं मेले में पारम्परिक गोर्खाली पकवान के अनेक स्टॉल पर लोगों की भीड़ उमड़ी हुई दिखी। समिति की ओर से मेले का आनंद लेने आए लोगों के लिए वन भोज की व्यवस्था थी। वहीं मेले से एक दिन पूर्व चंद्रयानी मंदिर में हवन पूजन, कीर्तन के बाद भंडारा आयोजित किया गया। मेले का समापन लक्की ड्रा से किया गया। मेला समिति अध्यक्ष राम सिंह थापा के नेतृत्व में समिति पदाधिकारियों ने बलभद्र युद्ध स्मारक पर पुष्पमाला चढ़ाकर आंग्ल-गोरखा युद्ध के वीरों को नमन किया। मेला समिति ने सागरताल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की अपनी मांग मुख्य अतिथि के सामने रखी। वहीं मेला समिति द्वारा खलंगा मेले में शिरकत करने आए नेपाली प्रतिनिधिमंडल को भी विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। (प्रतिनिधि छायाचित्र)